अभिव्यक्ति

पेड़ की साखों पे पक्षीयो का मधुर चहचहाना…

चीटियो का भीनिरंतर पंक्तियो मे चलते जाना….

सुबह होते ही घरौंदे छोड़ कही दूर जाना….

शाम को फिर लेके दाना घोसलो मे लौट आना….

नदियो से कल-कल की ध्वनि, बहने, की एक अभिव्यक्ति है….

पत्थरो के हर थपेड़े सहने की अभिव्यक्ति है…..

उँचे पर्वत ये उचाई छुने की अभिव्यक्ति है…

सदियों तक यूही खड़े रहने की स्वयं शक्ति है…

प्रकृति की अभिव्यक्ति है उसका बनाया विश्व ये…

नदियाँ सारी,पेड़,पर्वत जीव सारे व्यक्ति ये….

भक्ति कीअभिव्यक्ति है ये घंटियो की आवाज़े…

खुशियो की अभिव्यक्ति ज़ोर ज़ोर से बजते ये बाजे..

भूख की अभिव्यक्ति है किसी ग़रीब का रोना….

कर्म से लाचार रोज़गार का भी ना होना….

दिन बुरे कोई साथ नही बेबसी और लाचारी…

सर्दियो मे वो ठिठुरता हुआ एक बेदम भिखारी….

आशुओ से वो छलकती गम की एक अभिव्यक्ति है….

फिर भी आगे बढ़ते रहना शक्ति की अभिव्यक्ति है….

ममता की अभिव्यक्ति है बच्चे को माँ का दुलराना…

प्रेम की अभिव्यक्ति है दो दिलो का पास आना….

कविता एक अभिव्यक्ति है कवि की प्यारी कल्पना की…

हृदय के उद्गार और दिल मे दबी आलोचना की…

ना रहो खामोश, हो क्या तुम ये दुनिया को बता दो…

अपने शब्दों को मिला कर एक अभिव्यक्ति बना दो……

अपने शब्दों को मिला कर एक अभिव्यक्ति बना दो…….

Brijesh Kumar Awasthi
MBA-IT
IIIT Allahabad