आज़ाद भारत

 

आज फिर पूछे मुझसे मेरा वतन क्या यही मेरी शान है….

अगर तुजे फक्र  है तो क्या कहुँ यह सिर्फ जूठा ईमान है …

क्यों आज हर मोड़ पे बिक रहा यह मेरा इंसान है…

क्या आजाद है यही जो पहले था वो ही हिन्दुस्तान है…

या फिर बाट रहे हो मेरी आजादी को यह कह के…

मेरे बांशिंदे तू हिन्दू सिख और मुसलमान है …

 

मैं सलामत हु फिर भी उन बेटो की शान पे…..

हर वक्त खेलते है जो मेरी  गोद में  अपनी  ही  जान पे……

कोई क्या बांटेगा मेरी आजादी को आजाद भारत हुँ…..

खुद ही समेटे हूँ कही उजाले बस अभी काली रात हूँ……

कल एक सूरज आने को बस तू अभी यह मान ले……

धुंधली ना हुई है अभी आजादी बस इतना जान ले ……

गर अगर थक गया है तू अभी से तो इसे पहचान ले…

आज फिर पूछे मुझसे मेरा वतन क्या यही मेरी शान है….

अगर तुजे फक्र  है तो क्या कहुँ यह सिर्फ जूठा ईमान है …

 

केसरिया  हरियाली के रस की बस बहती गंगा हो…

होठो पे ना चाहूँ कोई बोल बस दिल और  हाथ में तिरंगा हो ….

तेरी जात या धर्म रंग पे अब कोई न दंगा हो…

आजाद हूँ आजाद रहूँ बस देश अब  जय हिन्द से रंगा हो….

जो चाहें वो पुकारे यह  बस वो ही हिंदुस्तान है …….

मेरी शान है तेरी शान है और हमारा ईमान है….

ना पुछ मुझसे तू वतन बस थोड़ा नासमज  इंसान है …..

तू आजाद है और सबकी शान है .. कहेगा एक दिन  हर हिन्दू सिख ईसाई मुसलमान है …

 

(जय हिन्द )

Reference
Self Blog

Deepak Kumhar
RIT2011030
IIIT-Allahabad