मौला के करिश्मे को,

रोज़ देखता हूँ बैठे हुए class में,

गिरती हैं उनकी झुलफें चेहरे पर,

जब लबों की तलाश में,

जलाती है वो हवा,

जो छूटी है उन्हें हर साँस में,

बनाया है खुदा ने भी उन्हें,

अपने प्यार के एहसास में!!

 

Submitted By:

Tanmay Binjarika

iec2013038@iiita.ac.in

IIIT Allahabad

adminAbhivkyakti
मौला के करिश्मे को, रोज़ देखता हूँ बैठे हुए class में, गिरती हैं उनकी झुलफें चेहरे पर, जब लबों की तलाश में, जलाती है वो हवा, जो छूटी है उन्हें हर साँस में, बनाया है खुदा ने भी उन्हें, अपने प्यार के एहसास में!!   Submitted By: Tanmay Binjarika iec2013038@iiita.ac.in IIIT Allahabad