अब क्या हुआ है ये क्या पता ,

मुझसे ही हूँ मैं लापता ,

ढूंढता फिर रहा फिर भी मुझे ना मिलाये ,

इसीलिए मन करता है ठहर जाऊं,

पर क्या करूँ कमबख्त दिल ये नहीं मानता ,

अरे दोस्तों ये बताओ क्या यही है गम का रास्ता ?

यहाँ देखा वहां देखा ,

क्या पता यादों के कोहरे ने तुम्हें कहा छुपा के रखा था ,

अब इन्तजार है तो बस उस सूरज का जो इस कोहरे को हटा तुम्हे दिखा सके ,

पर क्या करूँ, मेरा हुआ, सिर्फ तन्हाई भरी ओस की बूंदों से वास्ता ,

क्या यही है गम का रास्ता … क्या यही है गम का रास्ता ?

जो सोचा था की तुम आओगी ,

दिल झूम सा गया था ,

क्या पता था इस दिल को की तुम अपनी परछाई दिखाने से भी कतराजाओगी ,

तभी तो कहता हूँ इस दिल से की संभलजा ,

पर क्या करे इस कमबख्त दिल का दुनिया के कुछ लोगों से है गहरा वास्ता ,

क्या यही है गम का रास्ता …..क्या यही है गम का रास्ता??

ANUPAM CHAUDHARY

ROLL IEC 1202020

COURSE – B.TECH (ECE)

adminAbhivkyakti
अब क्या हुआ है ये क्या पता , मुझसे ही हूँ मैं लापता , ढूंढता फिर रहा फिर भी मुझे ना मिलाये , इसीलिए मन करता है ठहर जाऊं, पर क्या करूँ कमबख्त दिल ये नहीं मानता , अरे दोस्तों ये बताओ क्या यही है गम का रास्ता ? यहाँ देखा वहां देखा , क्या पता...