उड़ान
अब तो अकेले ही चलना है,
खुद को ढूँढना है,
लोग चलते है रास्तों पर,
पर मुझे उड़ना है!
सीख रहा हूँ, ज़िंदगी से,
वक़्त की कीमत,
यही तो है,
हर किसी की ज़रूरत!
बनना है कुछ ऐसा,
एक हसीन लम्हे जैसा,
जिसे लोग याद करें,
मुस्कुरा के हमेशा!
अब क्या होगा, यह नही जानता,
अब बस, ना डरना है, ना रुकना है,
बस उड़ना है!!
https://bcognizance.iiita.ac.in/archive/nov-15/?p=64AbhivkyaktiTanmay Binjrajka
roll-IEC2013038